लार्ड्स में टीम इंडिया ने रचा इतिहास

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कल का दिन सुनहरे अक्षरों में अंकित हो गये है। मोहम्मद सामी और जसर्पीत बुमरहा की बल्लेबाजी ने भारतीय टीम में जोश भर दिया, प्रतिफल लार्ड्स के मैदार पर भारतीय टीम ने वो कर दिया जो कपिल देव और महेन्द्र सिंह धोनी की टीम ने किया था इसके बाद कल विराट कोहली की टीम ने भी रचा इतिहास।

गेंदबाजों ने पहले बल्ले से कमाल दिखाकर इंग्लैंड पर दबाव बनाया और फिर अपनी धारदार गेंदबाजी से उसकी बल्लेबाजी को तहस नहस किया जिससे विराट कोहली की टीम ने सोमवार को यहां लार्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में 151 रन से बड़ी जीत दर्ज करके पांच मैचों की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त बनायी। भारत ने मैच के पांचवें और आखिरी दिन इंग्लैंड के सामने 60 ओवर में 272 रन का लक्ष्य रखा था लेकिन मोहम्मद सिराज (32 रन देकर चार), जसप्रीत बुमराह (33 रन देकर तीन), इशांत शर्मा (13 रन देकर दो) और मोहम्मद शमी (13 रन देकर एक) ने इंग्लिश टीम को 52वें ओवर में ही 120 रन पर ढेर कर दिया। इससे पहले भारत ने शमी (70 गेंदों पर नाबाद 56) और बुमराह (64 गेंदों पर नाबाद 34) के बीच नौवें विकेट के लिये 89 रन की अटूट साझेदारी से अपनी दूसरी पारी आठ विकेट पर 298 रन पर समाप्त घोषित की थी।

भारत ने केएल राहुल के 129 रन की मदद से अपनी पहली पारी में 364 रन बनाये थे जिसके जवाब में इंग्लैंड ने जो रूट की नाबाद 180 रन की पारी की बदौलत 391 रन बनाकर 27 रन की बढ़त हासिल की थी। भारत की यह लार्ड्स में यह 19 मैचों में तीसरी जीत है। उसने इससे पहले 1986 और 2014 में इस ऐतिहासिक मैदान पर जीत दर्ज की थी। इंग्लैंड के केवल तीन बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे जिनमें रूट (60 गेंदों पर 33) और जोस बटलर (96 गेंदों पर 25 रन) भी शामिल हैं। भारतीय तेज गेंदबाजों ने शुरू से ही इंग्लैंड पर दबाव बना दिया था। बुमराह और शमी ने अपने बल्लेबाजी कौशल का बेहतरीन नमूना पेश करने के बाद गेंद संभाली तथा पहले दो ओवरों में दोनों सलामी बल्लेबाजों को पवेलियन भेजकर भारत को शानदार शुरुआत दिलायी। बुमराह की लेग साइड पर जा रही गेंद रोरी बर्न्स (शून्य) के बल्ले का बाहरी किनारा लेकर हवा में लहरा गयी जिसे सिराज ने दौड़ लगाकर कैच किया। शमी ने अगले ओवर में डॉम सिब्ली (शून्य) को विकेट के पीछे कैच कराया। इंग्लैंड का स्कोर हो गया दो विकेट पर एक रन।

शमी जल्द ही भारत को हसीब हमीद का विकेट भी दिला देते लेकिन स्लिप में रोहित शर्मा ने उनका आसान कैच छोड़ दिया। भारत को हालांकि यह गलती बहुत महंगी नहीं पड़ी क्योंकि हमीद केवल नौ रन बना पाये। इशांत ने उन्हें अंदर आती गेंद पर पगबाधा कर दिया।चाय के विश्राम से ठीक पहले जॉनी बेयरस्टॉ (दो) के खिलाफ इशांत की पगबाधा की विश्वसनीय अपील अंपायर ने ठुकरा दी थी लेकिन डीआरएस में फैसला भारत के पक्ष में गया। चाय के विश्राम के बाद बुमराह ने तीसरी गेंद पर ही रूट का महत्वपूर्ण विकेट दिला दिया। उनकी कोण लेती गेंद रूट से बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में कोहली के पास चली गयी, लेकिन भारतीय कप्तान ने बुमराह की गेंद पर ही बटलर का आसान कैच छोड़ा। मोईन अली (42 गेंदों पर 13) ने सिराज की गेंद पर ऐसा मौका दिया तो कोहली ने कोई गलती नहीं की। सिराज ने बायें हाथ के बल्लेबाजों को परेशान करते रहे हैं और सैम करेन के लिये की गयी उनकी गेंद बेहतरीन थी जो बल्ले को चूमकर पंत के दस्तानों में समा गयी।

 

करेन ‘किंग पेयर’ बने। वह पहली पारी में भी पहली गेंद पर आउट हो गये थे। सिराज मैच में दूसरी बार हैट्रिक नहीं बना पाये। खेल आगे बढ़ने के साथ गेंद नरम पड़ गयी लेकिन बुमराह ने अपनी धीमी गेंद पर ओली रॉबिन्सन (35 गेंदों पर नौ) को पगबाधा आउट कर दिया। सिराज अगले ओवर में बटलर की एकाग्रता भंग करने में सफल रहे जिन्होंने बाहर जाती गेंद को छेड़कर पंत को कैच दिया। सिराज ने इसी ओवर में जिमी एंडरसन को बोल्ड करके भारतीयों को जश्न में डुबो दिया। इससे पहले भारत ने सुबह छह विकेट पर 181 रन से आगे खेलना शुरू किया तथा शमी और बुमराह के करिश्माई प्रदर्शन से पहले सत्र में दो विकेट गंवाकर 105 रन जोड़े। इससे इंग्लैंड की मुश्किलें बढ़ गयी जो सुबह पंत (46 गेंदों पर 22 रन) और इशांत (24 गेंदों पर 16 रन) को जल्दी आउट करने के बाद बेहतर स्थिति में दिख रहा था। भारतीय टीम एक समय आठ विकेट पर 209 रन बनाकर 200 रन की बढ़त हासिल करने की स्थिति में भी नहीं दिख रही थी। शमी और बुमराह ने हालांकि सहजता से बल्लेबाजी की और अपने शॉट से कोहली सहित अपने साथी खिलाड़ियों को खासा रोमांचित किया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि वे बिना किसी दबाव के खेले। ऐसे में शमी के फ्लिक और बुमराह के ड्राइव इंग्लैंड के खिलाड़ियों की पेशानी पर बल डाल रहे थे। रूट किस कदर दबाव में थे इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उन्होंने क्षेत्ररक्षण बिखरा दिया लेकिन इससे भारतीय बल्लेबाजों को ही मदद मिली और उन्होंने आसानी से एक दो रन भी चुराये। शमी ने धीमी पड़ती पिच पर स्पिनर मोइन अली को निशाने पर रखा। शमी ने इस स्पिनर की लगातार गेंदों पर चौका और मिडविकेट पर 92 मीटर लंबा छक्का जड़कर अपने टेस्ट करियर का दूसरा अर्धशतक पूरा किया। इसके लिये उन्होंने 57 गेंदें खेली। बुमराह ने इसके बाद अपने करियर का पिछला सर्वोच्च स्कोर (28 रन) पार किया। पांच मैचों की श्रृंखला का तीसरा मैच 25 अगस्त से लीड्स में खेला जाएगा।

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