केप्री लोन्स ने अपने गोल्ड लोन व्यवसाय के संचालन की शुरुआत की
्देहरादून देश में एमएसएमई क्रेडिट और हाउसिंग फाइनेंस पर विशेष ध्यान देने वाली एक प्रमुख एनबीएफसी, केप्री लोन्स ने राजस्थान मध्य प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में 100 से अधिक शाखाओं के साथ अपने गोल्ड लोन व्यवसाय के संचालन की शुरुआत की है। सोने के गहनों को उच्चतम सुरक्षा प्रदान करने हेतु, ये गोल्ड लोन शाखाएं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सिक्योरिटी वॉल्टों से सुसज्जित हैं। कंपनी ने वित्त-वर्ष 23 की पहली छमाही तक उत्तरी एवं पश्चिमी भारत में एआई आधारित सिक्योरिटी वॉल्ट की सुविधाओं वाले 200 गोल्ड लोन शाखाओं के शुभारंभ का लक्ष्य रखा है।
इन सभी शाखाओं में टेक्नोलॉजी को लागू करने से केप्री लोन्स को तुरंत, पारदर्शी तरीके से और बिना किसी परेशानी के गोल्ड लोन फाइनेंसिंग की सुविधा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। ये शाखाएं कई पुनर्भुगतान विकल्पों के साथ 6 से 12 महीने की अवधि के लिए गोल्ड लोन प्रदान करेंगी। केप्री लोन्स द्वारा कुल गिरवी रखे गए सोने के 75ः तक का लोन बेहद प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सम्मानार्थ उपहार के तौर पर कंपनी सोने की वस्तुओं के गिरवी मूल्य के बराबर बीमा भी प्रदान करेंगी। इस मौके पर राजेश शर्मा, प्रबंध निदेशक, केप्री ग्लोबल कैपिटल, ने कहा, गोल्ड लोन बाजार में असीमित संभावनाओं के चलते, हम अपने तकनीकी-उन्नत गोल्ड लोन की यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं। महामारी की वजह से सामने आए वित्तीय संकट ने निम्न से मध्यम आय वाले परिवारों में लोन की मांग को बढ़ा दिया है। सोने के साथ व्यक्ति की भावनाएं जुड़ी होती हैं, और इसी वजह से लोग अपने सोने को बेचने के बजाय कोलैटरल के रूप में गिरवी रखते हैं और कम समय के लिए लोन प्राप्त करते हैं। देश के ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में यह प्रवृत्ति स्पष्ट तौर पर दिखाई देती है। हम चाहते हैं कि ग्राहक हमारे गोल्ड लोन प्रोडक्ट के जरिए अपनी सुरक्षित संपत्तियों का लाभ उठाएँ और वित्तीय आपात स्थितियों के अलावा अपने विभिन्न जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनें। हम देश के उत्तरी एवं पश्चिमी भाग के टियर और ट शहरों को लेकर बेहद आशान्वित हैं। हम अगले पांच वर्षों में अपने गोल्ड लोन बुक को 8,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने के साथ-साथ 1500 शाखाओं के साथ अपने नेटवर्क का विस्तार करना चाहते हैं। रवीश गुप्ता, बिजनेस हेड गोल्ड लोन, केप्री ग्लोबल कैपिटल लिमिटेड, ने कहा, सोना गिरवी रखकर कर्ज लेने वाले लोगों की दो सबसे बड़ी चिंताओं उनकी संपत्ति की सुरक्षा तथा किसी अनजान व्यक्ति या संस्थान पर भरोसा की कमी के कारण भारत में असंगठित क्षेत्र अभी भी गोल्ड लोन व्यवसाय पर हावी है।