37 वर्षीय गर्भवती ने तोड़ा दम, सोनू सूद की मदद भी नहीं आई काम

देहरादून। कोरोना के गंभीर मरीजों को इलाज में कारगर प्लाज्मा थेरेपी अभी भी एक चुनौती बनी हुई है। इसकी वजह पर्याप्त मात्र में प्लाज्मा नहीं मिलना है। हरिद्वार निवासी 37 वर्षीय गर्भवती सबा ने मंगलवार को दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि सबा हसन को प्लाज्मा की सख्त जरूरत थी, पर केवल एक ही यूनिट प्लाज्मा मिल सका। सबा चार दिन तक आइसीयू में जिंदगी की जंग लड़ती रही। वह 23 सप्ताह की गर्भवती थी और उनके गर्भ में दो शिशु थे। बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने सबा को अस्पताल में बेड दिलाने में मदद की थी।

सबा ने ट्विटर के जरिये उनसे मदद मांगी थी। आइसीयू प्रभारी डॉ. अतुल कुमार एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. स्तुति की देखरेख में उन्हें बाईपैप एवं वेंटीलेटर पर रखा गया, लेकिन उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई। चिकित्सक उनके गर्भ में पल रहे दोनों शिशुओं को भी नहीं बचा पाए। उनके निधन पर अस्पताल के कर्मचारियों की भी आंखें भर आईं। वहीं स्वजनों का मोर्चरी पर रो-रोकर बुरा हाल था। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि मरीज को बचाने की तमाम कोशिश की गई, लेकिन संक्रमण बहुत ज्यादा और ऑक्सीजन का स्तर कम होने की वजह से वह नहीं बच पाई।

चिकित्सकों ने उन्हें बचाने के लिए प्लाज्मा थेरेपी की सलाह दी थी, पर इंटरनेट मीडिया पर तमाम अभियान चलाने के बाद भी एक यूनिट प्लाज्मा ही मिल सका। प्राचार्य ने कहा कि बहुत लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं और वह प्लाज्मा देने में सक्षम हैं, लेकिन देखा जा रहा है कि वे आगे नहीं आ रहे हैं। उन्हें प्लाज्मा डोनेट करने को आगे आना होगा। यह समय बहुत गंभीर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *