डीजीपी अशोक कुमार ने उत्तराखंड पुलिस को दी यह नसीहत, बोले- निडर होकर काम करें
देहरादून। इस संकट काल में पुलिस नागरिकों की हर संभव मदद करेगी। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने कोविड कंट्रोल रूम के निरीक्षण के दौरान यह बात कही। साथ ही उन्होंने कोरोना से संबंधित शिकायतों और सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
मंगलवार को डीजीपी ने पुलिस लाइन में जनता की सहायता के लिए स्थापित कोविड कंट्रोल रूम में व्यवस्थाओं का जायजा लिया। यहां उन्होंने अधिकारियों को कोरोना महामारी से उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों में जनता की शिकायतों और समस्याओं का हर संभव हल करने व सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिसकर्मियों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर का जायजा लेकर संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए। इसके बाद पीआरडी प्रशिक्षण केंद्र आमवाला स्थित एसडीआरएफ के कोविड कंट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया। जहां उन्होंने कांटैक्ट ट्रेसिंग, आइसोलेशन पूछताछ, मेडिकल किट वितरण आदि हेल्पलाइन डेस्क के कार्यों को परखा। साथ ही इनके संपादन में तैनात अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज बातचीत करने से मानसिक तौर पर मजबूत बनते हैं। ऐसे समय में हमें उनका विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने भविष्य में पुलिस की भागीदारी को अधिक बेहतर बनाने और जनमानस तक पहुंचाने के निर्देश दिए।
कोरोनाकाल में अनाथ बच्चों पर नजर रखे पुलिस
कोरोनाकाल में अनाथ हो चुके बच्चों को ह्यूमन ट्रेफिकिंग व अवैध तरीके से दत्तक ग्रहण से बचाने के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कोविड अस्पतालों से कोरोना मृतकों के परिवार का डाटा जुटाकर बच्चों को बाल संरक्षण गृह में सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में आयोग ने वरिष्ठ पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजा है।
आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि जो बच्चे अनाथ हो चुके हैं, उन्हें गोद लेने के लिए इन दिनों इंटरनेट मीडिया पर संदेश प्रसारित हो रहे हैं। महामारी का लाभ उठाकर कई ऐसे असामाजिक तत्व भी सक्रिय हो जाते हैं, जो बच्चों से सहानुभूति दिखाकर ह्यूमन ट्रैफिकिंग करते हैं। इन बच्चों को अवैध तरीके से गोद लेकर दूसरों को बेचना या बाल श्रम करवाते हैं। ऐसे में समय में पुलिस को इस ओर भी सतर्कता बरतने की जरूरत है।
बाल संरक्षण गृहों में ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था करें
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बाल संरक्षण गृह, शिशु निकेतन, बालिका निकेतन में कर्मचारी व बच्चों के लिए कोविड-19 किट व ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था करने के सभी जिला प्रबोशन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस महामारी के बीच सभी सरकारी-गैर सरकारी बाल संरक्षण गृहों में 10-10 कोरोना किट व एक-एक ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा आइसोलेशन के लिए एक कक्ष बनाया जाए।