एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे बनेगा देहरादून-मसूरी में
देहरादून से मसूरी के लिए प्रस्तावित रोपवे एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे होगा। रोपवे की लंबाई 5.5 किमी होगी। जो हांगकांग के गोंगपिंग रोपवे की लंबाई 5.7 किमी से महज सौ मीटर कम है। इस रोपवे के बनने से दून से मसूरी मात्र 15-18 मिनट में पहुंच जाएंगे। इससे मसूरी में लगने वाले ट्रैफिक के साथ ही सुरक्षित पर्यावरणीय दृष्टि से यात्रियों को सुविधाजनक यातायात का साधन सुलभ होगा।
सोमवार को रोपवे निर्माण में स्थानीय लोगों का पक्ष जानने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) ने पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सौजन्य से लोक सुनवाई का आयोजन किया। लोक सुनवाई में सभी उपस्थित ग्रामीणों ने पूर्ण रूप से प्रोजेक्ट को लगाने पर सहमति दी। इसके साथ ही स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार प्रदान कर क्षेत्र के विकास की मांग भी उठाई।
एडीएम जीसी गुणवंत की अध्यक्षता में पुरकुल स्थित प्राचीन शिव मंदिर में लोक सुनवाई का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि यह रोपवे दोनों शहरों के लिए रोमांच और पर्यटन की नई संभावनाओं के द्वार खोलने वाला साबित होगा। वहीं, सबसे पहले मैसर्स मसूरी स्काई कार कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों ने ग्रामीणों को रोपवे से होने वाले लाभ और परियोजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। ग्रामीणों ने मांग करते हुए कहा कि रोपवे से सृजित होने वाले रोजगार के अवसर में ग्रामीणों को प्राथमिकता देने के साथ क्षेत्र के विकास के लिए भी काम किया जाए। जिस पर अवगत कराया गया कि ग्रामीणों को रोजगार के मौके उपलब्ध कराने के साथ क्षेत्र का विकास भी तेजी से होगा।
रोपवे से एक घंटे में दो हजार यात्री दोनों ओर सफर कर सकते हैं। दिनभर में रोपवे का 10 घंटे तक संचालन किया जाएगा। इस मौके पर पर्यटन विभाग के वरिष्ठ शोध अधिकारी एसएस सामंत, जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी, देहरादून जिला पर्यटन अधिकारी जसपाल सिंह चौहान, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्याम सिंह पुंडीर, क्षेत्र पंचायत सदस्य कनिका रावत, उपेंद्र सिंह थापली, गोदावरी थापली के अलावा होटल एसोसिएशन के सदस्य भी मौजूद थे।
रोपवे निर्माण के लिए ग्रामीणों ने विशेष सहयोग देने के साथ सहमति भी जताई है। इसके लिए क्षेत्र के ग्रामीण बधाई के पात्र हैं। पुरकुल गांव में रोपवे बनने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होने के साथ क्षेत्र का तेजी से विकास होगा। विभाग इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है।