मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में कोविड महामारी के विनाश और जनकल्याण के संकल्प के साथ रुद्राभिषेक कर ईश्‍वर से प्रार्थना की

गोरखपुर। दो दिन के दौरे पर रविवार को गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर स्थित अपने आवास के शक्तिपीठ में कोविड महामारी के विनाश और जनकल्याण के संकल्प के साथ रुद्राभिषेक कर ईश्‍वर से प्रार्थना किया। घंटे भर चले इस अनुष्ठान में उन्होंने भगवान शिव को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच 11 लीटर दूध और पांच लीटर कुशोदक (कुश के साथ तैयार किया गया जल) समर्पित किया।

गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में हुआ रुद्राभिषेक का अनुष्ठान

रुद्राभिषेक पूजन की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा के साथ हुई। उसके बाद मुख्यमंत्री ने भगवान शिव और द्वादश ज्योतिर्लिंग का पूरे विधि-विधान के साथ षोडशोपचार पूजन किया। इसी क्रम में अंत में रुद्राभिषेक सम्पन्न किया गया। रुद्राभिषेक को मंदिर के प्रधान पुरोहित रामानुज त्रिपाठी के नेतृत्व में सम्पन्न कराया गया।

उनके साथ वैदिक मंत्रोच्चार करने वालों में डा. अरविंद चतुर्वेदी, डा. रोहित मिश्र, डा. रंगनाथ त्रिपाठी, पं. पुरुषोत्तम चैबे और नित्यानंद तिवारी शामिल रहे। रुद्राभिषेक के बाद प्रधान पुरोहित ने बताया कि रुद्र का तात्पर्य ही दुखों का शमन करने वाला होता है। ऐसे में कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने में यह रुद्राभिषेक बेहद लाभकारी सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री कोविड महामारी को विनाश के लिए भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रयास कर रहे हैं।

बेहद सामान्य रहीं सुबह की दिनचर्या 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखनाथ मंदिर में सुबह की दिनचर्या बेहद सामान्य रही। हमेशा की तरह उन्होंने सबसे पहले गुरु गोरक्षनाथ की आराधना की और अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल जाकर आशीर्वाद लिया। मंदिर परिसर में भ्रमण करने के क्रम में वह गोशाला पहुंचे और करीब आधा घंटा गायों के बीच गुजारा।

इस दौरान उन्होंने गायों को दुलराया-पुचकारा और अपने हाथ से गुड़-चना भी खिलाया। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर परिसर में किसी को आने की अनुमति नहीं थी। इसलिए मुख्यमंत्री के मंदिर में होने के वाबजूद वहां सन्नाटा पसरा रहा।

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