पांच साल में एक करोड़ कारोबारियों को जोड़ेगी

देहरादून, आजखबर। रिलायंस इंडस्ट्रीज की खुदरा इकाई रिलायंस रिटेल विस्तार योजना के तहत दैनिक उपयोग के सामान (एफएमसीजी) क्षेत्र का दायरा बढ़ाने के साथ अपना स्वयं का ब्रांड पेश करेगी। रिलायंस रिटेल वेंचर्स लि. (आरआरवीएल) की निदेशक ईशा अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की सालाना आम बैठक में कहा, ‘‘इस साल, हम एफएमसीजी का अपना कारोबार शुरू करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस कारोबार का मकसद उत्पादों को तैयार करना और उसकी आपूर्ति करना है तथा उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराकर देश के लोगों की दैनिक जरूरतों को पूरा करना है।’’ ईशा ने कहा कि रिलायंस रिटेल ने वित्त वर्ष 2021-22 में घरों से जुड़े सामान, व्यक्तिगत देखभाल समेत विभिन्न क्षेत्रों में कई नये उत्पादों को पेश करके अपने स्वयं के ब्रांड की उपस्थिति को मजबूत किया।
देश में एफएमसीजी बाजार करीब 100 अरब डॉलर का है। इस क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों में एचयूएल, पीएंडजी, नेस्ले, डाबर, इमामी और मैरिको शामिल हैं। ईशा ने कहा कि रिलायंस रिटेल अपनी नयी कारोबारी पहल जियो मार्ट के माध्यम से स्टोर और कारोबारियों को जोड़कर अधिक-से-अधिक ग्राहकों तक अपनी पहुंच का विस्तार करना जारी रखेगी। उन्होंने कहा, ‘‘रिलायंस रिटेल की रणनीति लाखों छोटे व्यापारियों के साथ जुड़ने और उन्हें समृद्ध होने के लिए एक मंच प्रदान करने की है। दो साल पहले शुरू होने के बाद से, इकाई ने कारोबारी भागीदारों का आधार बढ़ाकर 20 लाख से अधिक कर लिया है।’’ रिलायंस रिटेल हर महीने करीब 1.5 लाख भागीदारों को जोड़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम एक करोड़ कारोबारियों के साथ साझेदारी करने के रास्ते पर हैं। हम अगले पांच साल में 7,500 से अधिक शहरों और पांच लाख गांवों तक पहुंच बनाकर पूरे देश में अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहे हैं।’’ तीस साल की ईशा अंबानी ने व्हॉट्सएप का उपयोग कर किराना के सामान का ऑर्डर देने और भुगतान करने के बारे में भी जानकारी दी। रिलायंस रिटेल देश के दस्तकारों द्वारा बनाये गये उत्पादों का विपणन भी करेगी। ईशा ने कहा, ‘‘देश की समृद्ध संस्कृति और धरोहर के प्रति प्रतिबद्धता के तहत, हम जनजातीय और अन्य वंचित समुदाय द्वारा बनाये गये गुणवत्तापूर्ण उत्पादों का विपणन शुरू करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि यह न केवल रोजगार और उद्यमिता के लिये एक लाभकारी अवसर प्रदान करेगा बल्कि भारतीय दस्तकारों, विशेष रूप से महिलाओं की प्रतिभा, कौशल और ज्ञान आधार को संरक्षित करने में भी मदद करेगा।

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