यूएनएससी की बैठक में तालिबान को चेताया – अफगानिस्तान की सरजमी को आतंकियों का गढ़ न बनाएं
संयुक्त राष्ट्र। भारत की अध्यक्षता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने एक प्रस्ताव पारित कर अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल किसी अन्य देश को धमकाने या हमला करने या आतंकवादियों को शरण देने तथा उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए नहीं किए जाने की मांग की। प्रस्ताव में उम्मीद जतायी गई कि अफगानिस्तान के लोगों और विदेशी नागरिकों के अफगानिस्तान से सुरक्षित एवं व्यवस्थित प्रस्थान के संबंध में तालिबान अपने द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं का पालन करेगा। फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका और परिषद के अन्य 13 सदस्यों देशों द्वारा लाए प्रस्ताव को मतदान द्वारा पारित किया गया।
मतदान के दौरान रूस और चीन मौजूद नहीं थे। तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद वहां की स्थिति पर परिषद द्वारा अपनाया गया यह पहला प्रस्ताव है। अगस्त के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता भारत कर रहा था और उसकी अध्यक्षता के अंतिम दिन इसे पारित किया गया। अफगानिस्तान की संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता तथा राष्ट्रीय एकता के लिए मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, प्रस्ताव में 26 अगस्त को काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास हुए हमलों की ‘‘कड़े शब्दों में निंदा की’’ गई , जिसकी इस्लामिक स्टेट- खुरासान ने जिम्मेदारी ली है। इस हमले में 300 से अधिक असैन्य नागरिक तथा 28 सैन्य कर्मी हताहत हुए थे। परिषद के प्रस्ताव में तालिबान द्वारा हमले की निंदा पर भी गौर किया गया।
प्रस्ताव में कहा गया कि वह दृढ़ता से ‘‘ मांग करता है कि किसी भी देश को धमकाने या हमला करने या आतंकवादियों को शरण देने या उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए, या आतंकवादी कृत्यों की योजना बनाने या वित्तपोषित करने के लिए अफगान क्षेत्र का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।’’ प्रस्ताव में तालिबान द्वारा 27 अगस्त को जारी किए गए बयान पर गौर किया गया, जिसमें संगठन ने इस बात को लेकर प्रतिबद्धता जतायी थी कि अफगानिस्तान के लोग विदेश यात्रा कर सकेंगे, वे जब चाहें अफगानिस्तान छोड़ सकते हैं और वे दोनों हवाई एवं सड़क मार्ग से किसी भी सीमा से अफगानिस्तान से बाहर जा सकते हैं, जिसमें काबुल हवाई अड्डे को फिर से खोलना तथा उसे सुरक्षित करना शामिल है, जहां से कोई भी उन्हें यात्रा करने से नहीं रोकेगा।
प्रस्ताव में कहा गया कि परिषद यह ‘‘ उम्मीद करता है कि तालिबान इन और अन्य सभी प्रतिबद्धताओं का पालन करेगा, जिसमें अफगानिस्तान के लोगों और सभी विदेशी नागरिकों का अफगानिस्तान से सुरक्षित एवं व्यवस्थित प्रस्थान शामिल है।’’ परिषद ने प्रस्ताव के माध्यम से हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के आसपास ‘‘खतरनाक सुरक्षा स्थिति’’ पर भी ध्यान दिया और ‘‘ खुफिया तंत्रों के क्षेत्र में और आतंकवादी हमले होने की आशंका जताने को लेकर चिंता व्यक्त की।