आत्मनिर्भर नारी शक्ति से संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कहा हमने महिलाओं के बैंक अकाउंट खोले और उन्हें कर्ज दिए ‘आत्मनिर्भर नारी शक्ति से संवाद’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने लिया हिस्सा, बोले- हमने महिलाओं के बैंक खाते खोले और कर्ज दिए
नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आत्म-निर्भर नारी शक्ति से संवाद कार्यक्रम में भाग लिय़ा हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आत्मनिर्भर नारी-शक्ति से संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिय़ा हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम में दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिला स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों से बातचीत की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को वित्तीय सहायता जारी की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने पिछली सरकारों की तुलना में महिला एसएचजी को अधिक सहायता प्रदान की। हमने महिलाओं के लिए बैंक खाते खोले और एसएचजी को गारंटी के बिना ऋण प्रदान किया।
‘आत्म-निर्भर नारी शक्ति से संवाद” कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मास्टर कृषि सखी(सीआरपी) चंपा सिंह से संवाद करेंगे। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले की चंपा सिंह कम लागत वाली कृषि तकनीकी व जैविक कृषि प्रोत्साहन के लिए कार्य कर रही हैं। वे अपनी मेहनत की वजह से महिला सशक्तीकरण की पर्याय बन चुकी हैं। जिले के आदिवासी बहुल अंचल पुष्पराजगढ़ तहसील के एक छोटे से गांव की चंपा ने कम समय में जो सफलता हासिल की, उसी के बदौलत उन्हें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संवाद करने का अवसर हासिल हुआ है।
इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर किया जा रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, मणिपुर के स्व-सहायता समूहों से जुड़ी आत्मनिर्भर महिलाओं से भी चर्चा करेंगे।
मास्टर कृषि सखी चंपा सिंह विभिन्न राज्यों में कृषि सखी के रूप में कृषकों का सहयोग कर चुकी हैं। समूह से जुड़कर वे स्वयं आत्मनिर्भर हुई हैं। उन्होंने अपने गांव, जिला, प्रदेश के साथ अन्य प्रदेशों में भी आजीविका सुदृढ़ीकरण के लिए उन्न्त कृषि तकनीक, जैविक पद्धति को अपनाने के लिए समूह सदस्यों और कृषकों को जागरुक किया है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एलएम बेलवाल ने बताया कि मिशन के माध्यम से समूह के सदस्यों, ग्राम संगठनों, संकुल स्तरीय संघों और बैंक ऋण के रूप में सस्ती ब्याज दरों पर आसान प्रक्रिया से वित्तीय सहायता की जाती है। ताकि उन्हें बिना कठिनाई के आजीविका गतिविधियां शुरू और मजबूत करने का अवसर मिल सके।
प्रशिक्षण के दौरान हुई पहली आय
हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा पंजाब में भी चंपा ने जैविक कृषि पद्धति का प्रशिक्षण लिया। उन्हें हरियाणा के झज्जर विकास खंड में कार्य करने का मौका मिला। 15 दिन के मानदेय के रूप में पहली आय 11600 रुपये हुई। इसके बाद उन्होंने जैविक खेती के प्रशिक्षण को ही मुख्य काम बना लिया। चंपा अब तक करीब 5500 परिवार को यह प्रशिक्षण दे चुकी हैं। एक बार के प्रशिक्षण के बदले 700 रुपये मानदेय प्राप्त होता है।