हेमा मालिनी ने भी कोरोनी पीड़ितों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया, अस्पतालों में लगवाई ऑक्सीजन मशीन, बेड की भी व्यवस्था की
नई दिल्ली, कोरोना वायरस की दूसरी लहर में अस्पातलों में बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों की भारी कमी देखने को मिली है। हालांकि सरकारें इस परेशानी को दूर करने के लिए हर तरह की कोशिश कर रही हैं। वहीं बॉलीवुड के भी कई सितारे दवाइयों और ऑक्सीजन की मार झेल रहे कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इन सबके बीच अब बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने भी कोरोनी पीड़ितों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है।
हेमा मालिनी मथुरा सीट से भाजपा सांसद हैं। ऐसे में उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में 7 ऑक्सीजन बढ़ाने वाली मशीनों को स्थापित किया है। इस बात की जानकारी अभिनेत्री ने खुद सोशल मीडिया के जरिए दी है। हेमा मालिनी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कई तस्वीरें साझा की हैं। इन तस्वीरों में उनकी ओर से लगाई जा रही ऑक्सीजन मशीनों को लोग अस्पातलों में लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इन तस्वीरों को साझा करते हुए दिग्गज अभिनेत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘ब्रज वासियों की सेवा के लिए जनपद मथुरा में 7 ऑक्सीजन बढ़ाने वाली मशीन स्थापित करवा कर मैं अपने आप को धन्य महसूस कर रही हूं। शीघ्र ही जनपद मथुरा में और ऑक्सीजन बढ़ाने वाली मशीन ग्रामीण क्षेत्र के ब्रज वासियों के लिए समर्पित कर रही हूं। इस तरह जनपद में लगभग 60 ऑक्सीजन बेड और उपलब्ध हो जाएंगे।’
सोशल मीडिया पर हेमा मालिनी का यह ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है। अभिनेत्री के कई फैंस और तमाम सोशल मीडिया यूजर्स उनके ट्वीट को पसंद कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर हेमा मालिनी की जमकर तारीफ भी कर रहे हैं। वहीं इसके अलावा हेमा मालिनी ने बुधवार को कहा है कि विदेश से डॉक्टरी की पढ़ाई पास कर आए चिकित्सकों को फिलहाल कोविड-19 के इलाज की जिम्मेदारी दी जाए।
इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की। जल्द ही ऐसे चिकित्सकों का दल मुख्यमंत्री से मिलेगा। हेमा मालिनी ने हर्षवर्धन अग्रवाल से फोन पर बात कर कहा है कि कोविड-19 के संक्रमण काल में चिकित्सकों की महती आवश्यकता है। विदेशों से मेडिकल स्नातक की पढ़ाई कर आने वाले चिकित्सकों को एफएमजीई की परीक्षा पास बिना प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं दी जाती है, लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए जरूरी है कि उन्हें अनुमति दी जाए। ऐसे चिकित्सकों की संख्या सूबे के प्रत्येक जिले में है।