बाड़मेर में झोलाछाप चिकित्सक पकड़ा बेड लगाकर कर रहा था कोरोना का उपचार

जोधपुर,जोधपुर संभाग के सरहदी जिले बाड़मेर में एक झोलाछाप चिकित्सक कोरोना का इलाज करता पकड़ा गया है। चिकित्सक के फर्जी अस्पताल के बाहर बड़ा लंबा चौड़ा टेंट लगाया गया था और साथ ही भीतर के तीन कमरों में 30 से 35 बेड ऑक्सीजन युक्त थे। जिन पर कुछ मरीज भी भर्ती थे। इलाज के नाम पर जान जोखिम में डालने की शिकायत पर बाड़मेर के सिवाना एसडीएम कुसुमलता चौहान ने हल्का पटवारी कुसीप ग्राम में इस कारवाई को अंजाम दिया, अस्पताल की जांच की व लाइसेंस व डिग्री सम्बंधित कागजात मांगने पर उपलब्ध नही करवा पाने पर एसडीएम ने मेडिकल व अस्पताल को सील किया तथा डॉक्टर को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। एसडीएम की ओर से भी अभद्रता करने व राजकार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज करवाया गया है।

बाड़मेर एसडीएम को सिवाना के निकटवर्ती कुसीप ग्राम में फर्जी चिकित्सक के द्वारा अस्पताल खोल कर उसमें  30 -35 ऑक्सीजन युक्त बेड लगाकर इलाज करने की शिकायत मिली थी, जिसका सत्यापन करवाने पर वह सही साबित हुआ, साथ ही मौके पर कोरोना गाइडलाइन का भी पालन नही हो रही था। सोशियल डिस्टसिंग की धज्जियां भी उड़ रही थी। जिसकी सूचना पटवारी द्वारा एसडीएम को देने पर एसडीएम कुसमलता चौहान मय राजस्व टीम ने मौके पर पहुंच कर फर्जी चिकित्सक मेडिकल संचालक राजेन्द्रसिंह सोलंकी द्वारा बड़ी संख्या में बेड लगाकर मरीजों का इलाज करना पाया गया। कार्यवाही के समय 7 मरीज भी अस्पताल में भर्ती पाए गए, जिनका इलाज जारी था।

पूूूछताछ में अपने आप को डॉक्टर बताने वाला राजेन्द्रसिंह कोई संतुष्ट जवाब नही दे पाया। आरोपी राजेन्द्र सिंह ने स्वयं को एसएन मेडिकल कॉलेज जयपुर का अंतिम वर्ष का छात्र बताया। खुद के पास मेडिकल डिग्री व अस्पताल लाईसेंस होने की बात पर वह अधिकारियों से उलझ गया, जिसके बाद एसडीएम ने पुलिस व बीसीएमओ को सूचने देकर बुलाया।

अस्पताल की जांच की व लाइसेंस व डिग्री सम्बंधित कागजात मांगने पर उपलब्ध नही करवा पाने पर एसडीएम ने मेडिकल व अस्पताल को सील किया तथा डॉक्टर को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। बीसीएमओ संजय शर्मा ने बिना डिग्री, लाइसेंस के अवैध तरीके से अस्पताल चलाने पर मुकदमा दर्ज करवाया गया। एसडीएम कुसमलता चौहान ने अभद्रता करने व राजकार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज करवाया। आरोपी फर्जी चिकित्सक ने कोरोना महामारी में मरीज कही ओर नही जाए इसके लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की भी व्यवस्था अस्पताल में कर रखी थी,और इलाज के नाम पर उनसे बड़ी राशि भी वसूलता था। ऑक्सीजन संकट के समय फर्जी चिकित्सक कहां से इन सिलेंडर की व्यवस्था करता था और अभी तक कितनों का इलाज कर चुका था पुलिस और प्रशासन इस संबंध में पड़ताल कर रहा है।

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