जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने वर्चअल माध्यम से बैठक कर कोरोना संक्रमण की रोकथाम संबंधी कायरें की समीक्षा की
देहरादून। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने सोमवार को वर्चअल माध्यम से बैठक कर कोरोना संक्रमण की रोकथाम संबंधी कायरें की समीक्षा की। उन्होंने उपजिलाधिकारी ऋषिकेश से डीआरडीओ के माध्यम से बन रहे अस्पताल की प्रगति जानी।
जिलाधिकारी डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि डीआरडीओ के माध्यम से बन रहे अस्पताल के लिए सड़क, बिजली, पानी आदि सुविधाओं का शीघ्र विकास कर दिया जाए। ताकि 18 मई से अस्पताल का संचालन शुरू कराया जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना की जांच कर रही लैब जांच का डाटा लंबित रख रही हैं और फिर अचानक से उसे पोर्टल पर अपलोड कर रही हैं। इससे आंकड़ों व वास्तविक स्थिति में भिन्नता दिख रही है। यह ठीक नहीं है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि लैब स्तर पर कोई भी एंट्री लंबित न रहे। जो लैब इस पर मनमानी कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। उधर, जिलाधिकारी ने कम्युनिटी सर्विलांस की दैनिक प्रगति तलब की। पता चला कि सोमवार को 53 हजार, 400 व्यक्तियों का सर्विलांस किया गया। इनमें से 318 में कोरोना जैसे लक्षण पाए गए और इनकी जांच के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अवगत कराया गया है। जिलाधिकारी यह भी निर्देश दिए कि कोरोना किट के वितरण में किसी भी तरह की ढील न बरती जाए।
दैनिक परीक्षण में यह मिली जानकारी
सोमवार को अस्पतालों को ऑक्सीजन के 2032 सिलिंडर व आमजन को 38 सिलिंडर उपलब्ध कराए गए। जिला प्रशासन ने 750 कोरोना किट व एसडीआरएफ ने 476 किट बांटी।
ग्रामीणों को जागरूक करे प्रदेश सरकार
चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति ने पहाड़ में कोरोना संक्रमण बढ़ने पर चिंता जताते हुए सरकार से इस दिशा में सख्त कदम उठाने की मांग की है। समिति के केंद्रीय प्रवक्ता महेश जोशी ने कहा कि अब पहाड़ के गांवों में भी बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं। पहले ही स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित पहाड़ में ऐसे समय में संक्रमितों को समुचित इलाज उपलब्ध कराना सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके लिए ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य कर्मियों की टीम गठित कर उसे गांवों में भेजकर ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण के लक्षणों और इससे बचाव के लिए जरूरी सावधानियों के प्रति जागरूक किया जाए। कोरोना की दूसरी लहर में अधिकतर मरीजों में ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है, ऐसे में सरकार को ऑक्सीजन की व्यवस्था पर भी जोर देना होगा। बेरोजगार हो गए लोग के लिए पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।