उत्तराखण्ड में वायरल और डेंगू का खतरा बढ़ा, डॉक्टर की सलाह सावधान रहें

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच बरसात के मौसम में वायरल और डेंगू बुखार का खतरा भी बढ़ रहा है। शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में भी इस तरह के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर इन बीमारियों को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत बता रहे हैं।

राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. कुमार जी. कॉल ने बताया कि इंफ्लुएंजा-ए (वायरल फीवर) और डेंगू में सर्दी, खासी, सिरदर्द, शरीर में दर्द और बुखार जैसे लक्षण समान रहते हैं। ऐसे में सबसे पहले एहतियात बरतते हुए विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं।

डॉक्टर की सलाह पर जांच कराएं। डॉक्टर आवश्यक बताएं तो जरूरी दवाएं भी लें। डॉ. कॉल के मुताबिक, सामान्य बुखार में अधिकांश समय शरीर में दर्द के साथ तापमान में वृद्धि हो सकती है। यह पांच या सात दिन तक रहता है।

भले ही इंसान कोई दवा न लें। जबकि, डेंगू बुखार में तापमान लगातार बढ़ता है। जोड़ों में तेज दर्द के साथ दुर्बलता, गले में खराश और बुखार एंटीपायरेटिक्स दवा लेने से कम हो जाएगा, लेकिन इसके फिर से होने की प्रबल संभावना रहती है। इसलिए इसे ब्रेकबोन रोग कहा जाता है।

 

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