जी-7 देश की बैठक में भारत भी हो सकता है शामिल

आतंकवाद दक्षिण एशिया, पश्चिम एशिया, पूर्व एशिया या दुनिया के किसी भी हिस्से में हो, उससे तेजी से एवं निर्णायक कार्रवाई के साथ निपटा जाए।

वाशिंगटन। जी-7 देशों के प्रभावशाली सांसदों ने इस गुट की बैठकों में भारत को आमंत्रित किए जाने की अपील की है। इन बैठकों का मकसद अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वैश्विक सुरक्षा एवं क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक संयुक्त मोर्चा विकसित करना है। अमेरिकी सांसद एवं विदेश संबंधों पर सीनेट की शक्तिशाली समिति के प्रमुख बॉब मेनेंडेज और इटली, फ्रांस, जर्मनी, जापान और ब्रिटेन तथा यूरोपीय संसद से उनके समकक्षों ने एक संयुक्त बयान मेंकहा, “आतंकवाद के पैर पसारने की आशंका के बीच, हम चाहते हैं कि इस जी-7 बैठक में भारत को आमंत्रित किया जाए। जैसा कि अन्य आतंकवादी समूह हॉर्न ऑफ अफ्रीका (पूर्वोत्तर अफ्रीका) में जमा होने लगे हैं और हर कहीं फिर से सिर उठा रहे हैं, हमारा मानना है कि अफ्रीकी संघ को भी जी-7 बैठकों में जब भी उचित लगे, शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए।”

मेनेंडेज और जी-7 देशों के उनके समकक्षों ने एक संयुक्त बयान में कहा, “अफगानिस्तान से अमेरिका और संबद्ध बलों की वापसी की वैश्विक समुदाय द्वारा गलत व्याख्या नहीं की जानी चाहिए कि सीमा पार आतंकवाद का मुकाबला करने, क्षेत्रीय सहयोग का समर्थन करने या लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने में जी-7 सरकारों के संकल्प कमजोर पड़ रहे हैं।” बयान में कहा गया कि आतंकवाद दक्षिण एशिया, पश्चिम एशिया, पूर्व एशिया या दुनिया के किसी भी हिस्से में हो, उससे तेजी से एवं निर्णायक कार्रवाई के साथ निपटा जाए।” सांसदों ने मांग की कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के किसी भी सदस्य को तालिबान शासन को एकतरफा मान्यता नहीं देनी चाहिए। जी-7 (ग्रुप ऑफ सेवेन) ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका का अंतरसरकारी राजनीतिक समूह है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *