आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को लेकर बयान देकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी घिरे
नई दिल्ली पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के पहले के बयान पर एक स्पष्टीकरण जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) के आतंकवादियों की निगरानी करना और उन्हें रोकना अफगान सरकार की जिम्मेदारी है। गौरतलब है कि इस समय अफगानिस्तान कई आतंकी संगठनों की शरणस्थली बन चुका है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने कहा कि मीडिया के कुछ वर्गों ने अफगानिस्तान के नेतृत्व वाली और अफगान स्वामित्व वाली प्रक्रिया के जरिए अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता की जरूरत पर कुरैशी की टिप्पणी को गलत तरीके से और तोड़ मरोड़ कर पेश किया।
पाकिस्तान ने कहा, नहीं की थी किसी की वकालत
न्यूज पाकिस्तान के हवाले से चौधरी ने स्पष्ट किया कि विदेश मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, अफगान के क्षेत्रीय संगठन और खुद अफगानों के बीच आतंकवाद के खतरे के खिलाफ आम सहमति के बारे में स्पष्ट रूप से बात की थी। उनकी टिप्पणी को किसी भी तरह से अफगान संघर्ष में एक विशेष पक्ष की वकालत के रूप में गलत नहीं माना जा सकता है। हमने बार-बार कहा है कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान का कोई पसंदीदा नहीं है। हम संघर्ष में सभी पक्षों को अफगानों के रूप में देखते हैं, जिन्हें अपने भविष्य के बारे में स्वयं फैसला लेने की आवश्यकता है। हम अफगान शांति प्रक्रिया में एक रचनात्मक भूमिका निभाना जारी रखेंगे।
कोई नहीं चाहता कि आइएस बढ़े
कुछ दिन पहले कुरैशी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि देश में आईएस की मौजूदगी की निगरानी करना और इसे बढ़ने से रोकना अफगानिस्तान सरकार की जिम्मेदारी है। 31 जुलाई को मुल्तान के रजा हॉल में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुरैशी ने कहा कि अफगान बलों में आईएस समूह का मुकाबला करने की क्षमता है। उन्होंने कहा था कि कोई नहीं चाहता कि आइएस बढ़े। अफगान सरकार नहीं चाहती, तालिबान नहीं चाहते, ईरान नहीं चाहता, (अफगानिस्तान के) पड़ोसी इसे नहीं चाहते और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ऐसा नहीं चाहता।
इराक, लीबिया और सीरिया से अफगानिस्तान आ रहे आइएस के आतंकी
एक सवाल के जवाब में कि मास्को कह रहा है कि आईएस के आतंकवादी इराक, लीबिया और सीरिया से अफगानिस्तान में आतंकवाद के लिए आ रहे हैं, उन्होंने कहा कि यह अफगान सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह आतंकवादियों की निगरानी करे और उन्हें अफगानिस्तान में बढ़ने से रोके। उन्होंने कहा कि यह अफगान सरकार की जिम्मेदारी है कि वह आतंकवादियों की निगरानी करे और उन्हें अफगानिस्तान में बढ़ने से रोके। “अगर वे इराक और सीरिया से जा रहे हैं, तो उन्हें रोकने की जिम्मेदारी किसकी होनी चाहिए? यह अफगान सरकार की है।