किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए कृषि एवं औद्यानिकी के साथ ही सरकार ने अब हर्बल उत्पादों को बढ़ावा देने का निर्णय लिया
देहरादून। किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए कृषि एवं औद्यानिकी के साथ ही सरकार ने अब हर्बल उत्पादों को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। प्रदेश में जल्द ही हर्बल हीलिंग एवं वेलनेस सेंटर भी बनेगा। एचआरडीआइ इसे आयुष विभाग के सहयोग से स्थापित करेगा। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान (एचआरडीआइ) और सगंध पौधा केंद्र (कैप) की समीक्षा बैठक के दौरान इस संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने हर्बल और सगंध उत्पादों को बढ़ावा देने के मद्देनजर किसानों को जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने पर जोर दिया। उन्होंने किसानों की मदद को हरसंभव कदम उठाने और उन्हें राज्य की परिस्थितियों के हिसाब से अच्छी गुणवत्ता का प्लांटिंग मटीरियल उपलब्ध कराने को भी कहा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कैप की ओर से तैयार गनिया हर्बल सैनिटाइजर को लांच भी किया।
एचआरडीआइ की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ बड़े उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही तीन-चार ऐेसे उत्पाद चयनित करने को कहा, जिससे राज्य की देश में अलग पहचान बने। साथ ही इसके लिए मार्केटिंग प्लान भी हो। उन्होंने कहा कि पहाड़ से पलायन थामने और किसानों की आय में बढ़ोतरी को यह आवश्यक है। उन्होंने दो टूक कहा कि इस सिलसिले में छह माह के भीतर परिणाम नजर आने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कैप की समीक्षा करते कहा कि कैप के जो 109 कलस्टर हैं, उनमें से कुछ का उपयोग एचआरडीआइ भी कर सकता है। एचआरडीआई व कैप, दोनों में वैल्यू चेन मैनेजमेंट पर खास ध्यान दिया जाए। उन्होंने केंद्र पोषित योजनाओं का फायदा उठाने को सटीक प्रोजेक्ट बनाने को कहा। उन्होंने अगले छह माह के भीतर हाइटेक नर्सरी की स्थापना, एरोमा पार्क नीति और औद्योगिक व औषधीय हैंप की नीति की दिशा में तेजी से कार्य करने के निर्देश भी दिए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री को कैप और एचआरडीआइ के तहत चल रही योजनाओं व कार्यों की विस्तार से जानकारी दी गई। बैठक में कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल, मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार शत्रुघ्न सिंह, प्रमुख सलाहकार आरबीएस रावत, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सचिव हरबंस सिंह चुघ, निदेशक उद्यान डा एचएस बावेजा, कैप के निदेशक डा.नृपेंद्र चौहान, एचआरडीआइ के निदेशक डा सीएस सनवाल आदि मौजूद थे